श्याम शराबी
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साहित्य
गजल: श्याम शराबी
जब बन्व ओरसे हावा मन्द मन्द आइट तब इ मनम दोसर मेरके आनन्द आइट जीवजन्तु चिरैं चुरुङ्गनके मीठ बोलिसंग चारूओर…
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जब बन्व ओरसे हावा मन्द मन्द आइट तब इ मनम दोसर मेरके आनन्द आइट जीवजन्तु चिरैं चुरुङ्गनके मीठ बोलिसंग चारूओर…
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